गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे..... तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी सांवरे गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे.... बंक चिते मुसकाय के, सुंदर बदन दिखाय। लोचन तड़पे मीन ज्यों, जुग भर धरी बिहाय।। गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे..... सप्तक स्वर बंधान सौं, मोहन वेणु बजाय। सुरति सुहाई बांधिके, मधुर - मधुर गाय।। गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे...... रसिक रसीली बोली, गिरि चढ़ि गाय बुलाय। गाय बुलाई दूधरी, ऊंची टेर सुनाय।। गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे... दृष्टि पड़ी जा दोष ते, तब ते रुचे न आए। रजनी नींद न आवरी, एहि बिसरे भोजन पान।। गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे... दर्शन को नैना तपे, वचन सुनन को कान। मिलिबे को हियरा तपे, हिय की जीवन प्राण।। गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे...... मन अभिलाषा यह रहे, लगे न नैन निमेष। इक टक देखूं, नटवर नागर भेष।। गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे..... पूरन शशि मुख देख के, चित्त चोटयो वही ओर। रूप सुधा रसपान को, जैसे चन्द्र चकोर।। गोवर्धन वासी सांवर...