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Showing posts from November, 2023

मन मेरा

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जितने वादे किये तुमने मौसम से किये मन मेरा कल्पों से युग बना ही रहा। बोई थी नन्ही फुलवारी मेरे जो मन में मन मेरा सदा बसन्त बना ही रहा। मैंने ना बोये किसी की राहों में कांटे मेरे आम में निबोरी का ढ़ेर लगा ही रहा तेरी मेहरबानियां का शुक्रिया सदा मन मेरा ' भानु'  मुझमें अब लगा ही रहा।

तुम बिन रयो ना जाये

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प्यारे तुम बिन रयो ना जाये दिन निकारू जैसे तैसे रेन काटी ना जाये। जित देखूं उत तू ही दिखत हाथ काहे ना आये। मार देत तुम नैनन ही नैनन वध कहो ना जाये। मर रही हम गोपियाँ क्यो दया ना आये एक उपाय हमारे बचवे को श्याम गल लग जाये। 'भान अली' अपने माधव बिन अब रयो ना जाये भानुजा✍️✍️✍️

दोज

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सखी घर आयो आज मदना दोज टीका कौ बैठाये दोउ चंदन चौकी,सजा लाई सखी रजत थाल कौ लाल तिलक लागत निरालो,श्मामा तिलक कुमकुम कौ प्रसन्नता मन आज ना माई आरतो करत बहन भईया कौ दीप जलाये आरती उतारी,रुचि मीठो पवावत दोउ कौ बहन दोउन ह्दय लगायौ देत आशिस अमर सुहाग होये प्रिया कौ। प्यारी कहवत दोऊ हम निकट रहे सदा यह उपहार तुम्हारो। भानुजा✍️🙏

निगाहें

सोचा था तुम्हें देख कर जी लूँगी खुदा की तोहमत तो देखों तुम्हारे अपनों ने मेरी निगाहों पर भी पाबंदिया लगा दी हैं।

लगी थी जो तड़प

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लगी थी जो तड़प मन में तुम्हीं से मिलने की थी जी प्यासी थी जो मेरी अखियां, तुम्ही से मिल भरी हैं जी धरि जो पाग टेढ़ी सी मेरे तो मन बसी हैं जी तेरी बाँकी सी चित बन पे,मेरी दुनियां लूटी हैं जी। भानुजा✍️✍️❣️

वारे मदना

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वारे मदना विरहा सयो ना जाये जो जो जले मोम की बाती,मन मेरों जल जाये मन मेरो कहि और ना लागे,प्रेम अंखियन नीर बहाये जो ना मिल पाई मैं तोसे,तू काहे मिलन ना आये बैठी रही तेरी बाँट जोगति,कब मोहन द्वार बजाये का लागी तोहे बयार जगत की,भानु टेर सुनी ना जाये भानुजा शर्मा✍️✍️

साँचो धन

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प्रिया प्रियतम मेरो साँचो धन। जग को वैभव और संम्पदा ये सग कुमति को धन। मेरो धन चोर ना चोरे,  देवत बाँटत और बढ़े धन। रूप माधुरी शोभा कैसी, संतन छाडों सब जग को धन। धनतेरस 'भान अली' मांगे श्याम सो देओ अपने हदय धन भानुजा ❣️✍️✍️ धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं

भान अली

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अब तो लड़ैती मोहे करो स्वीकार बैठी रहूं सेवाकुंज द्वारे, सर्वस प्यारी अब हम हार नैनन नीर वहत-रहत सदा,सहचरी सुख ही कौ सार देखी ललिता सखी 'भानुजा' चरन प्रेंम रस को द्वार  निज परिकर की चेरी कर मोहे, राखों शरण  तिहार उठो 'भान अली'चलो परिकर में,करो हमरे संग बिहार उढ़ाई निज ओढ़नी स्वामी जू,दियो मोहे व्रज उर हार। मिलौ रूप 'भान अली'कौ , गुरुदेव कृपा कौ सब सार। 'भान अली'✍️✍️

गोवर्धन वासी

गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे..... तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी सांवरे गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे.... बंक चिते मुसकाय के,  सुंदर बदन दिखाय। लोचन तड़पे मीन ज्यों,  जुग भर धरी बिहाय।। गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे..... सप्तक स्वर बंधान सौं, मोहन वेणु बजाय। सुरति सुहाई बांधिके, मधुर - मधुर गाय।। गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे...... रसिक रसीली बोली, गिरि चढ़ि गाय बुलाय। गाय बुलाई दूधरी, ऊंची टेर सुनाय।। गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे... दृष्टि पड़ी जा दोष ते, तब ते रुचे न आए। रजनी नींद न आवरी, एहि बिसरे भोजन पान।। गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे... दर्शन को नैना तपे, वचन सुनन को कान। मिलिबे को हियरा तपे, हिय की जीवन प्राण।। गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे...... मन अभिलाषा यह रहे, लगे न नैन निमेष। इक टक देखूं, नटवर नागर भेष।। गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे..... पूरन शशि मुख देख के, चित्त चोटयो वही ओर। रूप सुधा रसपान को, जैसे चन्द्र चकोर।। गोवर्धन वासी सांवर...

चरनन पुष्प

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राजत सिंहासन आज किशोरी चुनी चुनी कमल लाये पिया तोरी बैठत लला चरनन प्यारी,मान कर बैठी सुकुँवारी एक एक कमल चरनन वारी, तजो हट व्रजराज दुलारी हस्तकमल लीने प्रिय प्यारी, श्यामा गिरधर अंक दुलारी राधा माधव छवि अनोखी, भानु बेरी अंखिया झपके निगोड़ी             भानुजा ✍️✍️❣️