दोज
सखी घर आयो आज मदना दोज टीका कौ
बैठाये दोउ चंदन चौकी,सजा लाई सखी रजत थाल कौ
लाल तिलक लागत निरालो,श्मामा तिलक कुमकुम कौ
प्रसन्नता मन आज ना माई आरतो करत बहन भईया कौ
दीप जलाये आरती उतारी,रुचि मीठो पवावत दोउ कौ
बहन दोउन ह्दय लगायौ देत आशिस अमर सुहाग होये प्रिया कौ।
प्यारी कहवत दोऊ हम निकट रहे सदा यह उपहार तुम्हारो।
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