Posts

Showing posts from July, 2021

गुरुदेव

Image
       गुरुदेव साज सारे जगत के बेजान से लगे मुरली सी धुन ने हमको पागल बना दिया गुरुवर मुझे आप ने जीना सीखा दिया  लहरों में बह रही थी किनारे की खोज में थाम के हाथ मेरा किनारे लगा दिया  गुरुवर मुझे आप ने जीना सीखा दिया  मोह माया के दलदल फसती ही जा रही थीं प्रभु से प्रेम सीखा के मुझे उनका बना दिया  गुरुवर मुझे आप ने जीना सीखा दिया  तब से भटक रही थी मिथ्या के भान में निकुंज में ले जाकर दर्शन करा दिया गुरुबर मुझे आप ने जीना सीखा दिया  पहुंचा दिया मुझे किशोरी चरणों में गुरुवर ने भानुजा का जीवन सार्थक बना दिया गुरुबर मुझें आप ने जीना सीखा दिया  गुरुपूर्णिमा की शुभकामनाएं भानुजा शर्मा करौली(राजस्थान)

" चुपके चुपके ही सही उसकी ख़बर रखते हैं"

Image
चुपके चुपके ही सही पर  उसकी ख़बर रखते है बात करता है गैरों से जब वो हम उस पर नजर रखते हैं नही पढ़ पाते वो हमारे इन लफ्ज़ो को भानु हम उनके मौन की भी खबर रखते हैं  चांदनी से पिघल जाते है वो अक्सर जो अब दिल को पत्थर बनाये रखते हैं  मौसम सी अटखेलियां वो करते हैं भानु वो मिज़ाज भी मौसम सा रखते हैं मिलकर के उनका हमसे बिछड़ के जाना अब ना हम बसल की ये बात रखते हैं ले जाकर हमको हमारी ही महफ़िल मे भानु हमारे कत्ल को खंजर छुपाये रखते हैं भानुजा✍️

पुष्प चयनन लीला

Image
तोड़ती फूल जब प्यारी  तोड़ती फूल सखी सारी तोड़ती फूल जब प्यारी शोभा लगत अती प्यारी कोमल कली चुन चुन कर ड़लियां भर गई सारी।। अरे तुम कौन हो री -2 कहते आये हैं बनवारी मेरी बगिया उजारी है-2 अरी तुम फूल चोरन हारी ललिता कहत अजी तुम कौन-2 वन में हमकौं रोकन हारी।। हम तो देव पूजा हित-2 लेवे नित ही कुसुम उपारी याते पूर्व ना देखे-2 कब ते बने हो बनमाली ये रानी राधिका ब्रज की-2 सारे वन कि है अधिकारी।। अरि हम जान ना दईयें फूलन तोड़ ना पईयें ठाड़े श्याम लकुटी धारी ललिता कहत जावो जी उरझो मत देईगी गारी।। करे चोरी सीना जोरी-2 बड़ी बेशर्म हो तुम नारी मेरी बगिया उजारी है-2 मिलेगो दंड तुमको भारी कैसे दंड अरि को दंड-२ तुम इकले हो हम बहु सारी।। मारे गाल पे गुलचा-२ कर दे सीधो तुम्हें खिलाड़ी हँसी मुस्कात कहे श्रीराधा अरि ललिता करे क्यो रार जो माँगे सो दे दे  बेचारों दीन वनमाली। कहो हमते कहा चहीये-२ ये साहूकार सुकुमारी लेके रास्ता छोडों कर दई देर तुमने भारी हँसी मुस्कात सांवरिया-२ कहत मधुर बचन उचारी।। हमें कछु और ना चहीये-२ चहियें एक राधा प्यारी सुन के चकित सब सखियां ललिता कुटित भई हैं भारी सब पकरण को धाई...

तुम ही प्राण

Image
तुम प्राण हो,तुम मान हो तुम मेरा अभिमान हो तुम  साँझ, तुम  भोर तुम ही रात का अंधकार हो कोयल की कुक ,पपहिये की टेर हो मेरे गुलशन का तुम ही गुलजार हो मेरी शक्ति,  मेरी भक्ति मेरा तुम ही विश्वास हो तुम ही कंकर तुम ही पत्थर तुम ही तो पाषाण हो तुम ही बातें तुम ही मौन तुम ही यादों का संसार हो इरादा तुम मंजिल तुम राह मेरी तुम आसान हो तुम ही चाहत तुम ही राहत छोटी सी जिंदगी का संसार हो भानुजा✍️

युगल नृत्य

Image
निकुंज भवन बैठे प्रिया प्रीतम मंजरी किंकरि सेवा में सारी देख युगल को सब हरषाये प्यारी सखी सब नाचे गाए कोई बजावत कोई गावत नित्य करन सब आगे आवत। ललिता सखी बड़ी सयानी हाथ पकर किशोरी लानी। देख नृत्य श्याम हरषावे मुरली में राधे ही गावे। ललिता सखी श्याम ले आई युगल छवि सबके मन भाई पूरण भई लालसा मन की युगल नृत्य देख नैनन की। भानुजा✍️

मंजिल

Image
चल रही हूं मंजिल पर फिर भी मन उदास हैं लगता हैं लगी सुख की प्यास हैं दिन रात का नही हैं होश मुझें फिर क्यों ये जिंदगी नाराज हैं लगती हैं तुम बिन जिंदगी सुना साज हैं छोटी छोटी बूदों से  सींचा सुख के सागर को क्यों मुझें अब बूदों की तलाश हैं चल रही हूं मंजिल पर फिर भी मन उदास हैं भानुजा✍️