तुम ही प्राण

तुम प्राण हो,तुम मान हो
तुम मेरा अभिमान हो
तुम  साँझ, तुम  भोर
तुम ही रात का अंधकार हो

कोयल की कुक ,पपहिये की टेर हो
मेरे गुलशन का तुम ही गुलजार हो
मेरी शक्ति,  मेरी भक्ति
मेरा तुम ही विश्वास हो

तुम ही कंकर तुम ही पत्थर
तुम ही तो पाषाण हो
तुम ही बातें तुम ही मौन
तुम ही यादों का संसार हो

इरादा तुम मंजिल तुम
राह मेरी तुम आसान हो
तुम ही चाहत तुम ही राहत
छोटी सी जिंदगी का संसार हो

भानुजा✍️




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