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Showing posts from October, 2021

रिश्ते नाते

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छोड़ू सारे रिश्ते नाते छोड़ू सारी जग की बातें श्याम पिया सो नैन लगा के तन मन सो गाउ राधे राधे। चरनन प्यारे के शीश झुकाऊँ प्रिया प्रीतम को लाड़ लड़ाऊँ बाँकी चितवन मन में बसाऊँ युगल चरण रज शीश चढाऊँ।। राधा मेरी बहुत हैं भोरी लाला नटखट प्यारो। नटखट के प्राण हैं प्यारी जापे सर्वस्व माधव ने वारों। भानुजा✍️✍️

रास पूर्णिमा

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नृत्य प्रवीण दोऊ प्रीतम प्यारी कनक जटित रास मंडल अद्भुत महारास की शोभा न्यारी।  शरद पूर्णिमा उत्सव भारी  किंकणी कंकन ताल मृदंग ढप  बाँसुरी की धुन प्यारी। श्वेत वसन प्रियतम प्यारी एक ही मुद्रा दोऊ छवि नाचे भानु तिरछी नैन कटारी। रास पूर्णिमा ( शरद पूर्णिमा) की शुभकामनाएं🙏🙏 भानुजा शर्मा✍️✍️

कामवन

घोर तपस्या करी शनि तब माधव दर्शन दियौ कराई छुपे जब गोपियन सो लाला प्रभु कोकिल रूप लियौ बनाई तब ते कहावत कोकिलावन ये यहां कृष्ण आये गऊ चराई कोकिलावन की रीत अनोखी लता स्वयं दे पुष्प बिझाई भानुजा शर्मा शुक निकुंज

शेषनाग

बैठी किशोरी कुंजन में,सखियों की हठ निराली हैं देखन चाहे विष्णु रूप कौ, शेषनाग पौढ़े त्रिपुरारी है मान रखो किशोरी इच्छा कौ, प्रगटे अष्ट कमल धारी हैं चरण चापत श्री जिनके, पौढ़े शेषशैया विष्णु रूप धारी हैं करो विवर्तन रूप लला तुम, माखन चोर छवि प्यारी है छोड़ो रूप बैकुंठ को प्यारे,भानुजा भावत बांके बिहारी हैं भानुजा शर्मा✍️✍️ (शुक निकुंज)

मथुरा

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 साँझी में मथुरा बनायों निरख निरख मन सुख पायौ वारों मदना साँझी में घुटुअन घुटुअन खेलत पायौ धवल कुसुम अनगिनत रंगन सौ प्यारी ने स्वयं बनायौ काठ की मुरली पास रखी हस्त कमल माखन पवायौ कहवत सहचरी पूजौ साँझी ,भानुजा जे सुख भागन पायौ गुरुदेव कृपा सो मन मंदिर में भानुजा आज ने मथुरा बनायौ भानुजा शर्मा शुक निकुंज

वृन्दावन

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साँझी रची आज वृंदावन सेवा कुंज में बैठी प्यारी,प्रियतम लगे केश सँवारन, बेनी गोवत लाड़ली लाल,शोभा सहचरी लगी निहारन कुसुम गुच्छ लगावत प्यारों,नीली चुनर शीश धरावन निरखत परस्पर दोउ वर,भानुजा अंखियन नीर ढ़रावन भानुजा शर्मा✍️✍️ शुक निकुंज