सब कुछ
ये जो पिघल रहा है आंखों से यह तेरा जादू टोना है तेरी एक नज़र से लगता हैं मानो मन एक खिलौना हैं पिघल रहा जो आंखों से वहम जो तुमने मना है सदाये लू उस वहम की जिसने तुझे अपना माना है तुम्हें तलाश कहूं या ख्वाइश ,तलव मेरी भानु ये जिंदगी जिंदगी नहीं है बिन तेरे। मंत्र जप वेद पाठ नहीं सीख पाई मैं मेरे सरकार ने तेरे लिए रोना सिखाया है। रोती रहूं मैं हर पल यूं ही फ़फ़त तू मेरे सामने तो आ। मुझे तेरे दीदार का रहम देखना है अब मेरी तलब का करम देखना हैं पूछते हो तुम जिंदगी क्या है खुद को देखा है कभी आईने में! तेरी एक नजर से तो सब हार बैठे हैं सोचती हूं नजरे मिली रहती तो क्या होता