एक रजाई

प्रिया प्रियतम दुबके एक रजाई।
सेकत हाथ अंगीठी सो लेवत मंद अँगड़ाई।
चतुर सहेली नवायो दूध पवावत गरम मिठाई।
प्यारी काँपत थर थर श्याम अंक लई दुवकाई।
निरखत एक दूजे ऐसे जैसे कबहू ना परे दिखाई।
नैनन भाषा बोले 'भान अली' जै बतियां बड़ी सुखदाई।
प्रिया प्रियतम दुबके एक रजाई।।

भानुजा शर्मा✍️✍️



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