अनकही बातें❣️

 'अनकही बातें'

जब थक हार जाती हूं
दुनियां की बेमतलब की बातों से
कही सुकून नहीं होता मेरे मन को
बस तब सुनना चाहती हूँ...
इधर आओ तुम्हें गले लगाता हू
उनका इतना कहना मेरी सारी थकान मिटा देगा

जब टूट जाती हैं मेरी हर एक उम्मीद
कोई रास्ता नजर नही आता
किसी से सहारे की क्या उम्मीद करनी
हर शक़्स राहों में काटे बिछाता नजर आता है
तब उनका एक शब्द ......
मैं तो हूँ साथ फ़िक्र क्यों करनी हैं
मुझें उस अंधेरे में भी नई आस दे जायेगा

कोई क़सम कोई वादा नही चाहिए मुझे
ना ही मैं कहती हूं साथ जियो तुम मेरे
ना सपना सजाती की बसा लो नई दुनिया मेरे साथ
चाहती हूँ जिस पल कोई ना हो तुम्हारे साथ
तो चले आना उस अल्लड़ सी लड़की के पास
जो कभी बड़ी हुई ही नहीं।

एक छोटा सा ख्वाब देखा था मैंने
जो उनसे कभी कहा नही....
जब उदास हो मन मेरा...
 अपनी उदासी उनके साथ बाँटू
जब भी बेमतलब रोने का मन हो मेरा 
तो जी भर के उनके कंधे पर सिर रख के रो लू...
जानती हूँ ख्वाब के ख्वाब है ख्वाब ही रहेंगे।


मेरी जादू की पुड़िया❣️




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