मानते खतायें
मान लेते खतायें हमारी ही हैं
क्यो ना नज़रे चुराई कहो तो सही।
भूल जाऊंगीं बातें सब की सभी
लौट आओगे तुम कहो तो सही।
इंतज़ार का हक़ दिया जो मुझें
लौट पाओगें इस जन्म कहो तो सही
मोम सी पिघल मैं जल तो गई
क्यों ना धागा बचाया कहो तो सही।
बांध लिया जो बंधन अब सदा के लिए
हमें कैसे भुलाओगे अब कहो सही।
आएगी दीवाली सजेगी तेरी गली
भानु ख़ुद को सजा ले कहो तो सही।
भानुजा✍️
💖💖💖💖❣
ReplyDelete💐💐thank you
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