शांतनु कुंड

आज साँझी शांतनु कुंड कूल बनाई
कछुक कुसुम गुलाल सतरंगे कृष्ण नाम सजाई
मदना देखत चकित साँझी कौ लेत मंद अंगड़ाई
किशोरी निरखत रसमय नैंनन श्याम मन भरमाई
भानुजा राधा चरणदासि बर साँझी सुरति परम् सुखदाई

भानुजा शर्मा

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