मधुवन
आज अनोखी मधुवन साँझी सजाई
कहूं तालवन,कहूं कामवन कुँज कुँज कुसुम बिछाई
सखियां निरखत रूप प्यारी कौ श्याम देत पलक बिछाई
बहुरंगे कुसुम लाई सखी साँझी कौ तालवन दियो बनाई
का हित पूजौं तुम सग साँझी सखी हमकूँ देऊ बताई
साँझी देत प्रेंम सुख'भानुजा' मदन मोहन देत मिलाई।
भानुजा शर्मा(शुक निकुंज)
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