राधा कुंड
कुँज महल की भित्ति सखी राधा कुंड साँझी बनाई
प्रिया प्रीतम दोऊ करत किलोल ऐसो चित्र बनाई
टपकत बूँद बदन सो ऐसे कमल पंखुरी जल माई
सहचरी गावत मंगल गीत माँगत कृष्ण कन्हाई
राधाकुंड की लीला न्यारी भानुजा साँझी पूजत मन मुसकाई
भानुजा शर्मा(शुक निकुंज)
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