तेरी शादी
जिसकी हल्दी मेहंदी मुझको लगनी थी
मैं ही किसी और को लगा रही हूं
देख तो जरा मेरी हिम्मत...तेरी दुल्हन सजा रही हूं।
जो करने थे तुझे फेरों के बक्त वादे मुझसे
देख तेरा ग्रन्थी बंधन बांध रही हूँ
कुछ तो ख्याल करता मेरा..तेरा आज सेहरा पहना रही हूं
जो बंधना था पवित्र धागा मेरे गले में
आज तेरी पत्नी का सम्हाल रही हूँ
क्या बाते करेगा मेरी वफ़ा की देख तेरी शादी रचवा रही हूँ
भानुजा✍️✍️✍️
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