नाच सिखावत
नाच सिखावत कुँवर कन्हैया ,सखियां ना सहचरी टोली
निवर्त कुँज ले जाये श्यामजू, नाचत आज त्रिभंगी जोरी
रिमझिम रिमझिम बरसत मेधा,भीगत आज कुंजन पोरी
कौन प्रवीण कौन पहचाने,होवत बलिहारी"भानुजा" तोरी
माँगी भीख गुरु कृपाबल,देखत यह छवि अँखिया मोरी
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ReplyDeleteThank you
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