फ़ाग पद

प्रिया प्रियतम दोऊ फ़ाग खेलत,अम्बुज छवि न्यारी
कोई गावत कोई बजावत मृदग पखावज  धुन प्यारी
उड़त अबीर बरसत केशर ,इत्र फुहार चले न्यारी
कनकपात्र भरे रंगन सो खेलत फ़ाग राधा प्यारी

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