फ़ागुन

श्याम पिया मोसे करो ना तुम बरजोर
अभई तो फागुन आये लगो हैं
अभई रहे बहुत दिन और
श्याम पिया मोसे करो ना तुम बरजोर

भीगती भागती घर मैं जाऊँ
प्यारे टोकत है सब लोग
कभऊँ खोबत पाव की पायल
कबहू बंधत गठ जोड़

बेरी फागुन आये लगो है
कर ले मन की और.....
बैठी हूँ रंग में रँगबे कु
छोड़ मैं  जग की ठौर

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