आओ गोविंद प्यारा आओ जी
म्हे पकडूंला चरखी थे तो पतंग उड़ाओ जी
पतंग उड़ाओ जी प्यारा पेच लड़ाओ जी
आओ गोविंद प्यारा आओ जी
चंद्र महल का डागडा से देखो राधा रानी
सखियों के संग पतंग उड़ाए कर कर खींचातानी
थे तो पचरंगी लहराओ जी,
म्हे पकडुंला चरखी थे तो पतंग उड़ाओ जी...
लाल गुलाबी नीली पीली चमकीली और भूरी
राधा जी की सबसे ऊंची वो देखो अंगूरी
आओ गोविंद प्यारा आओ जी मैं पकडूंला
चरखी थे तो पतंग उड़ाओ जी
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