रिश्ता
रिश्ता खत्म करने जा रहे हो मुझसे
सुनो आज मन नही घबराता क्या
किस किस बंधन को तोड़ोगे तुम
मेरे समर्पण को लौटा पाओगें क्या
आओ तो गुजरे कल के झरोखे में झांके
सच बतलाओ तुम देख पाओगें क्या
तुम्हारी हर तस्वीर हर लव्ज़ सहेजा है मैंने
क्या मेरी उन सिसकियों को सुन पाओगें क्या
तुम्हारा इंतजार खत्म हुआ किसी और का हो जाने का
सुनो.. मेरे बाँधे बंधन से कभी छूट पाओगे क्या
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