प्रिया प्रियतम
प्रिया प्रीतम को लाड़ लड़ाऊँ
नव दिन नव नव केली कुंज सजाऊँ
कुंज परस्पर विरसे दोऊ
अली निरख निरख सुख पाऊँ।
श्रावण ऋतु मल्हार प्यारी
कदम्ब डार हिंडोला झूले राधा प्यारी
झोटा देत यशोदा दुलारो
हरषे सग सखियां प्यारी
शीतल पवन वदन झकझोरत
भुज दुशाला उठावत प्यारो
सकुचावत वृषभान दुलारी
मुस्कावत नंद दुलारो
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