साँझी यमुना पुलिन
दरसाई साँझी अनोखी जहां यमुना पुलिन तन आप।
चुन रहे कमल कृष्ण वनमाली विराजी सिंहासन आप।।
एक एक कमल प्यारो चरनन वारै और पुलकित आप।
श्याम अधर बंसी हैं धारी हस्त कमल वीणा लिये आप।।
सखी निर्मित खस कुटिया तहाँ विराजी लला संग आप।
अद्भुत सघन सुगंध बरसे चौसर खेलत श्यामाजू आप।।
शुकदेव सुनावे कृष्ण कथा को सुन मगन भानुजा आप।
अहो भाग्य गुरुदेव कृपा सो देखी माधव संग आप।
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