नंदगाँव
नंदगाँव बनी साँझी, पूजन साखियाँ आई
फूलन कुंज सजाई सखियाँ, पूजत मन हुलसाई
का हित पूजी तुम साँझी, हम कौ दैओ बताई
नंद गाँव को लला हैं प्यारो तापे सभई प्राण लुटाई
साँझी पूजन आई राधिका ,सखी कुसुम मार्ग सजाई
जहाँ पग धरत स्वामिनी,प्यारो तहाँ नैन बिझाई
नंदगांव में या लीला कौ,गोपी अद्भुत साँझी बनाई
फूल सुगंध कुमकुम चढ़ावत,आरती भानुजा सखी गाई
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