साँझी
गोवर्धन साँझी परम सुखदाई
प्यारी की सखी देखो चुन चुन सुमन हैं लाई
वारो मदना लै गोवर्धन ठाड़ो, शोभा बरन न जाई
जाकौ रूप कहै न बनत मन,आज ही परो दिखाई
देखत किशोरी तिरझे नैन सो,पलकन भार उठाई
बृजवासी सब देखै चकित से,नैक नैक जोर लगाई
साँझी पूजत चतुर सहेली,काहा माँगो देओ बताई
काहे छुपावत भानुजा सखी ,मन की दोऊ बताई
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