साँझी पुष्पन ढेर लगाये

निकुंज महल की भित्ति रँगीली, अनोखी साँझी सजाई
बनाई हैं सहचरी अद्भुद साँझी पुष्पण ढेर लगाई

जब मान करत हैं प्यारी, ऐसी छवि दरसाई 
मनाये प्यारो रसभरी अखियन सो प्यारी मन मुसकाई

भर अंक किशोरी माधव को
गल हस्त कमल माल पहराई।

भानुजा होवत अधीर देख युगल को
गुरु चरण सेवा सो ये सुख पाई।

भानुजा✍️✍️

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