साँझी भाव

बनावत साँझी निकुंज में साखियाँ 
दिखावत मन के भाव

बैठाये प्रियतम चरणन में
और सिंहासन प्यारीजू आप

कुमकुम कुसुम श्रृंगार न्यारो
चुनर कनक जराव

निज महल विलसत है दोऊ
 आज भित्ति चित्र अनोखे भाव

भानुजा

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