जन्म उत्सब

अब तो आजा मेरे मनमोहन
बृजवासी बाट निहारे हैं
गईया भी मुड मुड कर देखे
कहा छुपे प्राणधन हमारे हैं

नंदबाबा अखियां मूँद है बैठे
बृजवासी नाचे गाए हैं
कब लोगे  जन्म कन्हैया
हम इसी बाट में ठाड़े हैं।।

मंद मंद ये बरखा बरसे
शीतल  पवन सुहानी है
हरियाली चहुँ ओर हैं लाला
कमल खिले बहु सारे हैं

अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र
जन्मे नंद दुलारे हैं
देवगन सब धरा पे उतरे
नाचे धरती अंबर प्यारे हैं

राधा प्यारी के तुम प्यारे
गुरुवर के तुम आँखन तारे
तुम ही हो ब्रज के उजियारे
भानुजा के प्राणों से प्यारे

मेरे प्राणधन प्यारी वृषभानु दुलारी के प्रियतम   घनश्याम के जन्म उत्सव की बधाई एवं शुभकामनाएं 
भानुजा✍️✍️


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