छोटी लड़की
वो छोटी सी लड़की मोहोब्बत करने लगती हैं
शक्ल देखती ना सूरत देखती बस जान छिड़कने लगतीं हैं।
नहीं पसंद घरवालों को अक्सर उसका बतिया ना
ना परवाह कर जमाने की वह उस से गुफ्तगू करने लगती है
पसंद ना थी उसे मेहंदी महावर काजल बिंद
ओढ़ कर लाल चुनरी को आज वो सजने सँवरने लगती है ।
छोटी सी उम्र उसकि क्या ग़लत सही समझतीं
छोड़ कर ज़माने की वो सब बातें वो मोहोब्बत करने लगती हैं
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