भजन( औरो के रंग क्या देखूं)
औरों के रंग क्या देखूं
मुझें तुमसे ना फ़ुरसत हैं
नैनों में गुजरे ये रैना
सपनों में मेरे भगवन हैं
कभी उलझे है ये सांसे
कभी उलझें हैं ये नैना।
तेरे बेसर की लटकन ने
मुझ पे कर दिया टोना।।
श्यामा के कोमल से चरण
जो मेरा है जीवन धन।
उनकी कृपा से चलता हैं
मेरा छोटा सा जीवन।।
मुझें दुनियां की ये चमके
लग रही अब तो सब फ़ीकी
तेरे नख शिख ज्योति से
रोशन हैं मेरा ये जीवन।।
भानुजा✍️✍️🙏
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