तेरी बरसात

             

सुकून है मुझे मेरी बात तुम तक पहुंचती तो है
क़लम हो भलेही मेरी, लिखती तुम्हें तो है।

तेरी यादों का सिलसिला थमता कहां है
सुकून है मुझे प्रिया हिचकी आती तो है।

चलती हैं मेरे यहां बवंडर और आंधियां 
तेरे यहां सुकून की बरसात होती तो हैं।

हूँ मैं मशहूर मेरे ही घर मैं तेरे नाम से भानु
खुदा का शुक्र हैं तुझसे तेरी पहचान तो है

प्रिया
शुक निकुंज शुक बिहार कॉलोनी करौली

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