रूप के विवर्तन
श्याम श्यामा जू भये भाव विभोर
कृष्ण स्वयं को राधा मानत
राधा स्वयं को नंदकिशोर।
कृष्ण के हृदय राधा बसत हैं
राधा के हृदय माखन चोर।
श्याम श्यामा जू भये भावविभोर....
श्यामसुंदर को चुनरी उड़ाई
राधा तन पीतांबर कोर।
श्याम श्यामा जू भये भावविभोर....
श्याम सुंदर की बेनी गुथाई
राधा की बांधी जुड़ा रेशम डोर।
श्याम श्यामा जू भये भावविभोर....
श्याम सुंदर के शीश चंद्रका
राधा मुकुट पाखन मोर।
श्याम श्यामा जू भये भावविभोर....
श्याम की मुरली राधा अधर पे
श्याम हाथन में वीणा की छोर।
श्याम श्यामा जू भये भावविभोर....
राधा तन फूलन की लड़ियां
माधव तन आभूषण चहु ओर।
श्याम श्यामा जू भये भावविभोर.
सखी सवरी मंद मुस्काये
'भानुजा'देखत प्रिया प्रियतम की ओर।
श्याम श्यामा जू भये भावविभोर....
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