सिंगार करत घनश्याम राधे को

 श्रृंगार करत माधव राधे को
सर्वस्व बारे प्राण प्यारी को

चरणन महावर श्याम लगाये,
 नैनन जल सो चरण घुलाये।
पकड़ चरण हिये से लगाये
चरण चिन्ह हृदय पे बसाये।।

शीश झुकाए नूपुर पहनाये
अंगुरी पोरन चित्र बनाये।
भाव पुष्प अर्पण कर भानु
राधे राधे प्रेम सो गाये।।

कबहु कपोलन चित्र बनाये
कबहु मलय अधर पर लाली।
अधर देख  विभोर भयो है
यहां लटकत बेसर प्यारी।।

हाथन मेहंदी श्याम लगाये
श्याम मुद्रिका श्याम पहराये।
रंग रंगीली चूड़ी पहनाई
राधा प्यारी मंद मुस्काई।।

 नथवारी कू नथ हैं धराई
शीश चंद्रिका श्याम खूब सजाई।
बेनी प्यारी अद्भुत केसर रचना
चंपा माला गले पहनाई।।

नैनन सो जल ना रुकत श्याम को
होवत पुलकित देखत भाम को।
रूप ना वर्णन होये घनश्याम प्राण को
श्रृंगार करत घनश्याम प्राण को।।


भानुजा शर्मा✍️✍️✍️🙏🙏

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