श्रृंगार तिहारो

कब  करिहो श्रृंगार तिहारो, देखें चकित कोई बंसी वारो।

कबहू केसर तिलक रचाऊं, कबहु कपोलन चित्र बनाऊ।
कबहु नैनन काजर डारो,कब करिहो श्रृंगार तिहारो।।

कबहुं अधर पान की लाली मलय सुगंध विमोहन वारी।
कुमकुम लेपन दोउ कुच धारो,  कब करिहो श्रृंगार तिहारो।।

.चरनन बीच महावर रचना,अगुरी पोरन चित्रित करना।
इन पद कमलन सर्वस्व बारो,कब करिहो श्रृंगार तिहारो।।

'भानु प्रिया' सेवा सुख पाऊं स्वामिनी जी की चेरी कहाऊ।
गुरु सखी संग निकुंज पधारु,कब करिहो श्रृंगार तिहारो।।


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