होली हैं
खेली होली जो श्याम संग ना दूजा रंग मन भाए। भागत फिरत में कुंजन में माधव निकुंज पकर ले जाए। प्रेम रंग से रंगी चुनरिया ओढ़ के सखी हरषाये। पकड़ के बईयां जब झकझोरी लाज शर्म धरी रह जाए। खेलत फ़ाग कृष्ण संग भानु अब ना जग की होरी भाय। रंग भरे उत्सव की सभी को शुभकामनाएं भानुजा शर्मा✍️🙏🙏🙏🙏