" बसंत गीत"
" बसंत गीत"
आई आई रे बसंत की धूम
चलो सखी अब कुंजन में
कुंजन में ब्रज की कुंजन में....
1.बागन से मेहंदी तुड़वावो
काजर जैसी याहै पिसवावो
देखो री लला कैसे रहे घूर
चलो री सखी कुंजन में।।
2.बगियां देखत मन ना भरत हैं
अमियाँ में केसों मोहर लगत हैं
मोहन सरसों रो करत शृंगार
चलो री सखी कुंजन में.....
3.चुन चुन पुष्प लतन से लावो
प्रिया प्रीतम को शृंगार करावो
पीत बसन उड़ायौ नयार
चलो री सखी कुंजन में...
4.अबीर गुलाल थोड़ो ही लावो
किशोरी के चरणन में लगावो
और कान्हा को देओ रंग में बोर
चलो री सखी कुंजन में.....
5.श्याम श्यामा कौ लाड़ लडावो
चंदन चौकी 'भानुजा'इन्हें बेठावो
फूलन में करो सर बोर
चलो री सखी कुंजन में......
आई आई रे बसंत की झूम
चलो री सखी कुंजन में.........
भानुजा शर्मा 'भानुप्रिया'
Nice line
ReplyDeleteThank you
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