कोई तो बतलाये
"कोई तो बताये"
इस लिए ही तो दरिंदगी होती हैं।
कोई मुझें तो ये बतलाये भानु ......
दो साल की बेटी कब साड़ी पहनतीं हैं।
तुम कहते हो रात को वो निकलती हैं
यही उसकी सबसे बड़ी गलती हैं
क्या बोलोगे साल भर की गुड़िया पर
क्या वो भी अपने कदमों पर चलती हैं
क्यों समुंदर से हदय उफनते हैं।
वो दरिंदे भी तो बाप बनते हैं
क्यों नही पिघलता उनका हदय
क्यों वो कलियों को कुचलते हैं।
भानुजा शर्मा
पता-शुक निकुंज
शुक बिहार कॉलोनी करौली।
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