लड़की
पंख होकर भी उसके वह उड़ नहीं सकती
लड़की हो यह कहता हैं जमाना उससे
तुम लड़कों की बराबरी कर नहीं सकती।
घर की इज्जत मान मर्यादा सम्मान सब तुमसे है
ये सब बातें तुम अपने जहन में बैठा लो
सर ढके बिन तुम घर से निकल नहीं सकती
ये हर बात बात पर तुम्हारा सवाल करना बंद करो
कम बोलना सीख लो इतना बोलना ठीक नही
लड़की हो तुम खुल कर हँस नही सकती।
ये सात बजे के बाद बाद कोचिंग से आना
अब नहीं चलेगा तुम्हारा
घर की इज्जत हो तुम बाहर घूम नही सकती।
सपनें चाहें लाख देख लो तुम
मना नही हैं कुछ तुमसे
पर हमसे पूछे बिन तुम कुछ कर नहीं सकती!
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