शौक रखते हैं

वो अपने चेहरे पे नकाब रखते हैं
मानाकि वो गुनाहों का हिसाब रखते हैं

मयखाना हैं भानु उनकी आंखें
हिज्र मैं भी वो साकी का शौक रखते हैं।

 मैकदा छोड़कर जाऊं तो कहां जाऊं
 वो अपनी आंखों में मैकदा भी रखते हैं

सोहबत मैं मेरी रहकर भी वो
बेबजह फ़जीहत का शौक रखते हैं।

भानुजा शर्मा✍️✍️✍️

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