मेरी किस्मत

क्यों मेरी क़िस्मत में सिर्फ रोना हैं
क्या हर रिश्ते में मिलकर बिछड़ना हैं।

उसके क़रीब होके भी ना होना हैं
क्या इस तरह ही मुझे दर्द में रोना हैं।

वो मेरे हैं उन्हें ना किसी का होना हैं
फिर क्यों मेरे पास जाने पर उनका रोना हैं।

मैं कुछ कहूं तो वो परेशान होते हैं
मेरे बिन फिर क्यों सारी रात रोते हैं।

मेरी दुनियां उनसे है वो कब समझते हैं
उनकी दुनियां मैं हूं अक्सर सबसे कहते हैं।

    भानुजा✍️✍️

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