" पैगाम आया है"

चांद आज मेरे झरोखें पर आया है
लगता हैं उनसे आज मिलकर आया है

ये तारे भी आज कुछ गुफ़्तगू में लगे है
लगता है शायद उनका कोई पैगाम आया है

इस हवा में आज गुलाबी सी सर्दी है
लगता है वो आज छत पर आया हैं।

इस चांद में भानु आज अलग ही चमक है
लगता है ये आज मेरे चाँद को देख आया हैं।

      भानुजा शर्मा📝

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