'मेरी छोटी सी किशोरी'

मेरी छोटी सी लली मेरे आगे पीछे डोले
श्याम श्याम कहवत कानन में मिश्री सी घोले

हाथन कंगन पांव में पायल 
 प्यारी छम छम करती डोले।

भोरी सूरत भोरो मन याको
येतो सब से मीठी मीठी बोले।

अन्न धन ये तो सवकु लुटावत
स्वयं श्याम पे लूट जावे।

नीली प्यारी ओढे चुनरी
 वर्णन मुख सो करो ना जावे।

कृपा बरसावे भोरी राधे
ये बरसाने बारी कहावे।

नाम लेत मिश्री मुख माही
भानुजा को तन मन राधे गावे।

      भानुजा शर्मा📝📝



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