"आज उनकी याद आई है"

आज उनकी याद आई है
आंखो से झलक ते आंसू
और  संग मेरी तन्हाई है
आज उनकी याद आई है

कुछ मेरी और कुछ तेरी
मिलकर जब अपनी बनती है
ऐसी बातों को सुनने की
लगता है बारी आयी है
आज उनकी याद आई है

अपना कहकर तुमने मुझको
भानु बेगाना सा किया हैं
लगता है मुझको अब 
खुद मिलने की बारी आयी है
आज उनकी याद आई है

किसने मेरी साँसों को समहाला
 किसने मेरी आहों को जाना है 
शायद दिल के अरमानों को
दफ़नाने की बारी आयी है
आज उनकी याद आई है

कौन हैं जिसने मेरे दिल के
सारे दर्द दबा रखे हैं
फिर से उन दर्दो के संग
जीने की बारी आयी है
आज उनकी याद आई है

मेरी आँखों के पानी को
नमक बनाने वाले हो तुम
नमक बने जो पानी फिर से
ऐसी किसने रीत बनायी है
आज उनकी याद आई है

भूल जाती हूँ कल की बातें
बातें जो पुरानी हैं
आज नया कुछ करने की
ऐ दिल तेरी फिर से बारी आई है
आज 'भानु' फिर उनकी याद आई है


      भानुजा शर्मा📝

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