" वो मजदूर है"
वो मजदूर है भाई
मैने उसे मजदूरी करते देख है
कड़ी धूप में तपता है वो
मैने उसे पाषाण तोड़ते देखा है
चंद रुपयों के लिए मजदूर को
मैने बेज्जत होते देखा हैं
दो लोगो को छप्पन भोग जहां
उसके द्वार पर भूखे बच्चों को देखा हैं
खुद फ़टे पहनकर उसने
बच्चों को नये कपडे दिलाते देखा हैं।
बीमार वो भी होता है अक्सर
फिर भी मैने उसे बच्चों का पेट भरते देखा है
वो मजदूर है भाई....
मैने उसे दर दर भटकते देखा है
वो मजबूर है मजबूरी में....
मैने उसे मजदूरी करते देखा है
भानुजा शर्मा📝📝
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