" कुंजन में आज श्याम"

चलो सखी कुंजन में....
जहा विहरत श्यामा श्याम।
भोरी राधा मेरी बैठी....
अठखेली करत है श्याम।।
 
दोउ गलवइया डारे बैठे सिंहासन....
 करत शुक मुनि ध्यान
झूलन बैठी किशोरी झूला
और झुलावत श्यामा श्याम।।

 हिल मिल सखी मुस्कावत श्याम पर
और देखत है आज घनश्याम।
इंद्रधनुष की छटा लगे फीकी
जब चमकत किशोरी चरणन की रेती

आज बरसावत प्रेम रस किशोरी...
जहां भीगत वैष्णव जन सखी तोरी
रूप निहारत थकत नही  अखियां 
पर लगत आज पलकन बेरी।।

मागत है भानुजा से भानुजा तोरी
दर्शन देओ किशोरी मोरी
चरणन में मोये सदा राखियो
लगाउ शीश मैं चरण रज तोरी।।
 
          भानुजा शर्मा🙏📝

Comments

Popular posts from this blog

आन मिलो सजना

" शासन"

अनकही बातें❣️