"जल विहार कर आवे"

चलो किशोरी आज जल विहार कर आवे।
जलविहार कर आवे प्यारी भानुजा से मिल आवे

बाट ताकत होगी हमारी,चलो यमुना से मिल आवे
कुंजन कुंजन विहरे बहुत है आज यमुना तट देख आवे।।

ताक रही गोपी हमको पनधट से,चलो उनसे बतियाँ आवे
नाम राधा तुम्हरो प्यारी,आज प्रेम की धारा से मिल आवे

लहरा रहे कोमल कमल यमुना मे,मन निरखत सुख़ पावे
धोऊ जल से चरण तुम्हारे,चरणामृत लेत मन सुख पावे

दर्शन दो राधा वल्लभ अब भानु मन को चैन ना आवे
वाट निहारी तुम्हरी मन मंदिर में तुम बिन मन दुःख पावे

       भानुजा शर्मा📝

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