"दूर रहता था वो"
घिर आये है ये बादल दुःख का अपार समुंदर देखकर
बिछड़ गए है अपनों से दर्द अपनों का देख कर
देखो बरस रहे है दूर कहि अपनों से
अपनों में अपना क़ातिल देखकर।।
मुस्कुराता ऎसे था वो जैसे दुनिया सारी ख़ुशी हो उसके पास......
खुद के सिवा कोई भी नही जानता की कितना दर्द छुपाये बैठ था खुद के पास
दर्द देते हैं अपने अक्सर कहता था वो...
इस लिए ही खुद से दूर रहता था वो।।
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