वापस आजाओ
छोड़कर गए क्यो हमको
कुछ कारण होगा।
या तो तुम होते
या जीवन ही ना होता।
एक तो खत लिखते तुम धीरज बधाने को
क्या तुम्हें हमारा ध्यान आया ना होगा
चलो मान लिया लिखा भी होगा तुमने खत
शायद डाकिया डगर भूल गया होगा।
किस-किस की व्यथा कहूं तुमसे मैं
किशोरी का तो भान तुम्हे आया होगा
कान्हा कान्हा पुकारती है गोपियां
हमारे प्रेम का ध्यान तुम्हें आया तो होगा
किशोरी के अश्रु से बना सरोवर
बादलों ने तुमसे कहा तो होगा
बहुत हुई ये विरह वेदना
अब तो तुमको आना होगा।
किशोरी के बिन आधे हो कृष्णा
पूर्ण रूप का ध्यान आया तो होगा
वापस आजाओ मन मोहन
अब तो दर्शन भानु को देना होगा
Radhe Radhe
ReplyDeleteजय श्री राधे
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