लिखने का शौक नही रहा

लिखने का शौक नहीं रहा
या दर्द हद से बड़ा है
सवर गई है जिंदगी तुम्हारी
या कतरा कतरा बिखर गया है।

ना हँसने की उम्मीद
ना रोने का दुःख बड़ा है
थम सी गई हो मानो जिंदगी
जैसे तुफा मे मेरा घर वीरान पड़ा है

ना सुख की उम्मीद
ना दुःख के आँसू है
दिल अब खामोश है
और भानु गला अब भरा भरा सा है🙏🏻

                        भानुजा शर्मा

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