" राधे के चरणों मे गुजारा करुं मैं"

क्या लिखूं... क्या वर्णन करूं मैं
तुम्हारे सरूप का क्या चित्रण करूं मैं
तुम्हारे चरण दर्शन मात्र से छलक जाती हैं आंखें मेरी
इसके बाद क्या दर्शन करूं मैं।।

माखन से भी कोमल है चरण तुम्हारे
उन पर लगी महावर का क्या वर्णन करूं मैं
तुम्हारे चरणों में सोए नूपुरों की छवि को निहारा करूं मैं
ख्वाबों में भी सोचती हूं अक्सर....किस तरह भानु राधे के चरणों में गुजारा करूं मैं।।

                              भानुजा शर्मा

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