"मन उदास है"

आज मन थोड़ा उदास है, 
सुख की लगी थोड़ी सी प्यास है।

ऐसा नहीं कि झोली है खाली, 
कुछ और पाने की अभी भी आस है। 

भावों के तारों में रिश्ते अभी भी कसे हैं 
मधुमय पल आज भी यादों में बसे हैं 

पर फीकी लग रही आज ये मिठास है 
आज मन फिर से उदास है। 

जतन से भरे हैं जीवन के रंग सभी 
अच्छे ही लगते थे कूची के ढंग सभी 
वही तस्वीर आज आती नहीं रास है ।
आज मन थोड़ा उदास है।
             
           भानुजा शर्मा

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