"मेरे सवाल"
" मेरे सवाल"
सुबहा जागते ही सवाल क्या किया वबाल हो गया
खुदने किये जो काम वो पुण्य हो गए
हमने किये सिर्फ सवाल तो वो पाप हो गए।।
अबतक की सारी मेरी खामियां तुम्हे याद हो गई
और तुम्हारी क्यों बेहिसाब हो गई।।
चुप थी मै बस मर्यादाओं की ख़ातिर
वरना ये ना समझो मुझे सत्य का भान नही।।
भोर से लेकर सांझ तक सिर्फ मेरे ही नुक्स
पर क्या करे मेरी नुक्ताचीनी करने की आदत नही।।
मेरी पुरानी ख़ताओं को कुरेद करते है जिक्र वो
कोई उनसे भी जाकर कह दे भानु भी बेजुवान नही।।
भानुजा शर्मा करौली (राजस्थान)
Very Nice
ReplyDeleteThank you Deepak
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