" मुझे गुस्सा आता हैं"

कोई झूठ बोले तो मुझे गुस्सा आता है
चाहे वह मेरा बुरा नहीं चाहता है
सच बोला करो भाई
इसमें किसी का क्या जाता हैं

आदतें सबकी जुदा-जुदा होती हैं
इसी में अच्छाई तो किसी में बुराई होती है
क्यों निकालते रहते हो सब में खामियां
क्या खुद में सिर्फ और सिर्फ  अच्छाई सिर्फ होती हैं

बढ़ते कदम क्यों किसी के रुकते हो
आगे बढ़ना है तो तुम क्यों थमते हो
छोड़ दो अब ये टांग खिंचाई करना
तुम क्यों  किसी से जलते हो।।

आवश्यकता से अधिक क्यों बोलते हो
बेवजह बड़बोले क्यों बनते हो
सीख लो भानु से खामोशियों का हुनर
खुद से खुद तुम कब मिलते हो।।
 
       भानुजा शर्मा

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

आन मिलो सजना

" शासन"

अनकही बातें❣️